अब वन विभाग मुहैया कराएगा पीड़ित को एंटी-वेनम
जहां शहरों में बड़े-बड़े अस्पताल खुल गए हैं और लगभग हर एक बिमारी का इलाज उपलब्ध है, वहीं उत्तराखंड के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह हाल है कि एंटी-वेनम तक उपलब्ध नहीं है। सांप के काटने के बाद चौबीस घंटे के अंदर-अंदर एंटी-वेनम लगना जरूरी होता है लेकिन गांवों के सरकारी अस्पतालों की स्थिति कुछ इस प्रकार है कि यहाँ एंटी-वेनम न होने के कारण लोगों को मौत का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए वन विभाग अब आगे बढ़ा है। उनके मुताबिक अब वन विभाग की टीम पीड़ित को एंटी वेनम मुहैया कराएगी। वन विभाग की ओर से रेंजर्स कार्यालय और वन चौकियों में एंटी-वेनम रखा जाएगा। वनकर्मियों की अब से जिम्मेदारी है कि वे पीड़ित को एंटी-वेनम का इन्जेक्शन लगाएँ जिसका उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
