बनभूलपुरा रेलवे जमीन विवाद: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई फिर टली, अब 16 दिसंबर को होगी अहम कार्यवाही
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र से जुड़े बहुचर्चित रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की प्रस्तावित सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई। अब इस मामले की अगली तारीख 16 दिसंबर निर्धारित की गई है। सुनवाई से पहले प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा इंतजाम बेहद कड़े कर दिए थे, क्योंकि निर्णय से पहले स्थानीय स्तर पर तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही थी।
सुबह होते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें बनभूलपुरा के विभिन्न हिस्सों में तैनात कर दी गईं। इलाके के सभी प्रवेश मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई और हर आने-जाने वाले की गहन जांच शुरू कर दी गई। हालात को देखते हुए बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई, जबकि क्षेत्र के निवासियों को केवल पहचान पत्र दिखाने पर ही आने-जाने की अनुमति दी जा रही है। इससे पहले भी सुनवाई की तारीख 2 दिसंबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर की गई थी, लेकिन समयाभाव के कारण उस दिन भी मामले की सुनवाई नहीं हो सकी।
मामला करीब 29 हेक्टेयर जमीन को लेकर है, जिस पर रेलवे अपनी मालिकाना हक का दावा करता है। रेलवे का कहना है कि गफूर बस्ती, इंदिरा नगर, नई बस्ती और रेलवे लाइन के किनारे बनी अधिकांश रिहाइशें गैरकानूनी हैं। वहीं दूसरी ओर स्थानीय निवासियों का तर्क है कि वे कई दशकों—लगभग 40 से 50 वर्षों—से वहां रह रहे हैं और उनके पास अपनी उपस्थिति का सामाजिक व व्यवहारिक प्रमाण मौजूद है।
इस विवाद की शुरुआत 2022 में तब हुई जब हल्द्वानी के रहने वाले रविशंकर जोशी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के आदेश जारी कर दिए। इस फैसले के खिलाफ स्थानीय लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसके बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
