डीबीटी में अटकी मदद: जूते-बैग के बिना सत्र पूरा कर रहे बच्चे
प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को जूते, बैग और ड्रेस के लिए डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता दी जानी थी। तय प्रावधानों के अनुसार कक्षा 1 से 5 के विद्यार्थियों को 318 रुपये और कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को 462 रुपये मिलने थे। सरकार ने यह राशि स्कूलों को लगभग एक माह पहले जारी भी कर दी थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों और प्रक्रियागत देरी के कारण अधिकांश बच्चों के बैंक खातों में यह पैसा अभी तक नहीं पहुंच पाया। परिणामस्वरूप हल्द्वानी के कई स्कूलों में बच्चे अंतिम सत्र तक पहुंचने के बावजूद पुराने और टूटे-फटे जूते पहनकर ही स्कूल आने को मजबूर हैं।
प्राथमिक विद्यालय देवलचौड़ के 295 बच्चों में कई के आधार कार्ड न होने से उनके खाते नहीं खुल सके, जिससे जूते-बैग की राशि एक भी बच्चे को नहीं मिल पाई। ड्रेस का पैसा भी केवल कुछ छात्रों के खाते में ही आया है, जबकि जिन बच्चों के पास बीपीएल कार्ड नहीं है, उनका भुगतान अधर में अटका हुआ है।
राजकीय पूर्ण माध्यमिक विद्यालय जेल रोड के 90 विद्यार्थियों को भी इस बार सिर्फ ड्रेस की धनराशि मिली है, जूते और बैग की रकम जारी नहीं हुई। इसी प्रकार प्राथमिक विद्यालय कालाढूंगी के 69 बच्चों को भी यह सहायता प्राप्त नहीं हो सकी, जिससे वे अब भी पुराने बैग और जूतों के सहारे ही स्कूल आने को विवश हैं।
