दीपावली की चमक के बीच नैनीताल की हवा हुई मलीन, प्रदूषण में 10 गुना बढ़ोतरी
दीपावली की रोशनी और आतिशबाजी के उत्सव ने नैनीताल की स्वच्छ हवा पर असर डाला है। एरीज (ARIES) संस्थान के वैज्ञानिकों की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार दीपावली के बाद शहर की वायु गुणवत्ता में 10 गुना तक गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि प्रदूषण का स्तर अभी खतरे की सीमा से नीचे है, विशेषज्ञों का मानना है कि यह पर्यावरण के लिए एक चेतावनी संकेत है।
एरीज के निदेशक डॉ. मनीष नाजा ने बताया कि इस वर्ष कुमाऊं क्षेत्र में दो दिनों तक दीपावली मनाई गई, जिससे वायु में प्रदूषक कणों की मात्रा बढ़ गई। 20 अक्तूबर की रात के बाद 21 अक्तूबर को हवा सामान्य रही, लेकिन 22 अक्तूबर को पीएम 2.5 का स्तर अचानक बढ़ गया। आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्तूबर को नैनीताल में पीएम 2.5 की मात्रा 1.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी, जो अगले दिन बढ़कर लगभग 11 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पीएम 2.5 कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि वे सीधे श्वसन तंत्र में पहुंचकर स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। यद्यपि नैनीताल की हवा अब भी दिल्ली की तुलना में काफी बेहतर है, फिर भी विशेषज्ञों ने अपील की है कि पर्वों पर आतिशबाजी को सीमित रखकर पर्यावरण की रक्षा की जानी चाहिए।
