पेपर लीक प्रकरण: युवाओं के धरने के आगे झुके सीएम धामी, सीबीआई जांच को दी मंजूरी
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार तेज़ होता जा रहा था। आठ दिनों से धरने पर बैठे छात्रों के बीच आखिरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे और उनसे सीधे बातचीत की। युवाओं की मांग को स्वीकारते हुए उन्होंने लिखित रूप से मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी।
सीएम धामी ने आंदोलनकारी छात्रों को भरोसा दिलाया कि परीक्षा से जुड़े जिन अभ्यर्थियों पर मुकदमे दर्ज हैं, वे वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि इसके लिए वे प्रशासन को नामों की सूची उपलब्ध कराएं। इससे पहले जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी छात्रों से संवाद कर चुके थे, लेकिन अभ्यर्थी सीबीआई जांच से कम पर सहमत नहीं हुए।
इससे पूर्व सरकार ने मामले में कई सख्त कदम उठाए हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, एक दरोगा और एक सिपाही को निलंबित किया जा चुका है। जांच में सामने आया कि प्रोफेसर सुमन पेपर सॉल्वर के रूप में सक्रिय थी। साथ ही, उच्चस्तरीय पड़ताल के लिए नैनीताल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग गठित किया गया है।
पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी खालिद ने खुलासा किया कि वह मोबाइल छुपाकर परीक्षा केंद्र में पहुंचा और शौचालय से प्रश्नपत्र की तस्वीरें निकालकर बाहर भेजीं। इसकी मदद से उसकी बहन और सहयोगियों ने पूरा खेल रचा, जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया।
