हल्द्वानी की टूटी सड़कों का सच: गड्ढों से जूझते लोग और खतरे का सफर
हल्द्वानी नगर निगम बोर्ड बने सात माह गुजर चुके हैं, लेकिन शहर की सूरत बदलने की बजाय और बदहाल हो गई है। नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते दिख रहे हैं क्योंकि शहर की सड़कों की हालत बेहद खराब है। नागरिकों को रोजाना टूटी-फूटी और गड्ढों से भरी सड़कों पर सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सीवर लाइन और पेयजल कार्य के बाद जगह-जगह खुदी सड़कों को ठीक करने की सुध किसी ने नहीं ली। सोमवार को शहर में करीब 22 किलोमीटर की दूरी तय करने पर हर तरफ गड्ढों का ही आलम नजर आया।
देवलचौड़ से आनंदा अकादमी तकरीबन 1.4 किलोमीटर लंबी सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। कई जगह चौड़ाई घटकर आठ फुट रह गई है। भारी यातायात वाले इस मार्ग पर हादसों का खतरा बना रहता है।
हल्द्वानी के जज फार्म क्षेत्र में विधायक रामसिंह कैड़ा के आवास के सामने की 350 मीटर सड़क महीनों से टूटी पड़ी है। इको सिटी से रोले की पुलिया तक की सड़क पर गड्ढे इतने गहरे हैं कि फुटपाथ भी उनमें समा गया है। स्कॉलर्स मोड़ से उजाला अस्पताल जाने वाली 2.5 किलोमीटर सड़क पर 50 से अधिक गड्ढे मौजूद हैं। सबसे खतरनाक हालात अमरावती कॉलोनी फेस तीन की गलियों में हैं, जहां नालियों के खुले गड्ढे किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकते हैं।
कुल मिलाकर, हल्द्वानी की सड़कें विकास की तस्वीर पेश करने के बजाय लोगों की परेशानियों और खतरे की कहानी कह रही हैं।
