नैनीताल पंचायत चुनाव में अपहरण कांड के बाद, हाईकोर्ट की निगरानी में नतीजे सील
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव एक बड़े विवाद में फंस गया। मतदान शुरू होते ही कांग्रेस समर्थित पांच जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण की घटना ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया। बताया गया कि जिला पंचायत कार्यालय के पास अचानक रंग-बिरंगी बरसाती पहने लगभग 10-12 अज्ञात लोग पहुंचे और उन्होंने सदस्यों पर हमला बोल दिया। मारपीट के बाद वे उन्हें सड़क पर घसीटते हुए गाड़ियों में डालकर फरार हो गए। बीच-बचाव करने वाले कांग्रेस नेताओं के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। इस वारदात से नाराज़ कांग्रेस पदाधिकारी सीधे हाईकोर्ट जा पहुंचे।
हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए चुनाव की प्रक्रिया को रोक दिया। बाद में अदालत के निर्देश पर बचे हुए सदस्यों को पुलिस सुरक्षा के बीच मतदान कराया गया, लेकिन अपहृत सदस्य अब तक नहीं मिल पाए। कांग्रेस ने भाजपा और पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाकर चुनाव का बहिष्कार कर दिया।
इसी बीच, निर्वाचन आयोग के आदेश पर कुल 22 वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा और वीडियोग्राफी के तहत की गई। हालांकि, परिणाम को सीलबंद कर दिया गया है, जिसे 18 अगस्त को हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें बरसाती पहने युवक सदस्यों को जबरन ले जाते नजर आ रहे हैं। वहीं एक फुटेज में तलवार लिए लोग लाल कार से उतरते दिखाई दिए। पुलिस की मौजूदगी में हुए इस अपहरण ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
