अंतरिक्ष से आया ‘3I ATLAS’: अब तक का सबसे विशाल इंटरस्टेलर आगंतुक
जुलाई 2025 में चिली के एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पेक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) की दूरबीन श्रृंखला ने एक अद्वितीय खोज दर्ज की—हमारे सौर मंडल में दाखिल तीसरा ज्ञात इंटरस्टेलर पिंड, 3I ATLAS। नाम में “3I” का अर्थ है थर्ड इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट। खगोलविदों के मुताबिक, इसका पथ अत्यधिक हाइपरबोलिक है और इसकी उत्केंद्रता 6.2 मापी गई है, जो स्पष्ट करता है कि यह सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा नहीं है तथा दूरस्थ तारकीय क्षेत्र से आया है। इससे पहले 2017 में 1I ओमूआमा और 2019 में 2I बोरिसोव दर्ज किए गए थे, लेकिन 3I ATLAS आकार व चमक में दोनों से बड़ा है। आरंभिक अनुमान इसके नाभिक का व्यास 15–20 किलोमीटर बताते थे, हालांकि हबल टेलीस्कोप से मिले नए आंकड़े इसे कुछ सौ मीटर से 5 किलोमीटर के बीच मानते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संभवतः एक अत्यंत प्राचीन धूमकेतु है, जो अन्य तारामंडलों की उत्पत्ति से जुड़े अहम संकेत दे सकता है। एरीज के डॉ. शशि भूषण पांडे के अनुसार, इस तरह की खोजें बताती हैं कि आकाशगंगा में ऐसे पिंड शायद आम हैं और अब हमारी अवलोकन तकनीक काफी उन्नत हो चुकी है।
