धनखड़ का इस्तीफा बना छात्रों की उम्मीदों पर विराम, कुमाऊं विवि में छाई उदासी
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को निराश कर दिया है। बीते 25 जून को वह नैनीताल पहुंचे थे, जहां उन्होंने विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में शिरकत की थी। कार्यक्रम के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र सिंह पाल के सहारे खड़े रह पाए। मौके पर मौजूद मेडिकल टीम और सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत स्थिति संभाली और उन्हें राजभवन पहुंचाया गया। हालात सामान्य होने पर उन्होंने अगले दिन अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लिया।
अपने प्रभावशाली और प्रेरक भाषण के दौरान उपराष्ट्रपति ने छात्रों को लोकतंत्र के इतिहास से अवगत कराते हुए एक निबंध प्रतियोगिता की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 50 वर्ष पूर्व लगे आपातकाल को याद करते हुए छात्र उस पर निबंध लिखें और विश्वविद्यालय में जमा करें। पहले 100 निबंध भेजने वाले विद्यार्थियों को उन्होंने संसद भवन की सैर और अपने निवास पर भोज का निमंत्रण देने की बात कही थी। विवि ने इसके लिए क्यूआर कोड जारी किया था और अंतिम तिथि 26 जुलाई निर्धारित की गई थी। अब उनके इस्तीफे से छात्र इस पहल को लेकर मायूस हैं।
