पहाड़ी क्षेत्रों में नहीं थम रही सड़क दुर्घटनाएँ
उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां पहाड़ी क्षेत्रों को उत्तराखंडी समतल क्षेत्रों से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम, केमू, जीमू और साथ ही लोकल टैक्सी वाहनों का संचालन होता है जिससे लोग सफर कर सकें। लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में वाहनों से घटनाओं की गिनती कई अधिक मात्रा में बढ़ती जा रही है। वर्ष 2024 में अगस्त में पूरे उत्तराखंड में कुल 1172 सड़क हादसे हुए हैं जिसमें कुल 696 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। बीते सोमवार को भी अल्मोड़ा के मरचूला में एक बस गहरी खाई में जा गिरी जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई है। इसका हादसे का कारण यह निकल के आया कि गाड़ी में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे। चश्मदीदों के मुताबिक बस में 62 लोग बैठे थे जबकि बस 43 सीटर ही है। इस घटना में दो एआरटीओ को सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मैजिस्ट्रैट द्वारा जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
क्या है इसका निवारण?
हर बार जब भी कोई दुर्घटना होती है तो ऐसे ही जांच के आदेश दिए जाते हैं। इससे असर तो कुछ भी नहीं पड़ता और ऐसे ही यह हादसे दबते रहते हैं। ऐसी कई चीजें हैं जो सरकार इन दुर्घटनाओं को काम करने के लिए कर सकती है जैसे कि सरकारी बसों का डिपो में ध्यान रखना जिससे वह लंबा सफर तय कर सकें। साथ ही इन बसों में यह ध्यान रखना कि कहीं इनमे क्षमता से ज्यादा लोग तो सवार नहीं हैं। इसके अलावा सरकार को सड़कों का भी ध्यान रखना चाहिए जिससे कम से कम दुर्घटनाएँ घटित हों।
