हल्द्वानी-काठगोदाम रेलवे स्टेशन में सुरक्षित नहीं यात्री
जिन जगहों में सबसे ज़्यादा भीड़-भाड़ रहती है, वहाँ सुरक्षा होना उतना ही जरूरी है। लेकिन हल्द्वानी और काठगोदाम के रेलवे स्टेशन में इंतेजाम बिल्कुल उल्टा है। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में तो सुरक्षा के नाम पर एक अच्छी चारदीवारी तक नहीं है जिसकी वजह से अराजक तत्व रेलवे स्टेशन के भीतर तक घुस जाते हैं। वहीं अगर काठगोदाम में देखें तो सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगाए गए हैं जिससे किसी भी तरह की घटना घट सकती है। रेलवे प्रशासन वैसे तो लोगों को ए-वन सुविधाएँ देने की बात करता है लेकिन काम करते वक्त हमेशा पीछे रहता है। देहरादून में रोडवेस बस में महिला से दुष्कर्म और दून एक्स्प्रेस में महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ के मामले के बाद सुरक्षा का मुद्दा और भी उभर के आ रहा है। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में चारदीवारी न होने से कोई भी बाहरी व्यक्ति स्टेशन में चले आता है जो कि यात्रियों के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। वहीं काठगोदाम रेलवे स्टेशन में सीसीटीवी न होने से अगर कभी किसी यात्री का खोया हुआ सामान भी ढूंढना हो तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। वहीं दोनों स्टेशन में मेटल डिटेक्टर जैसी सुरक्षा के साधन भी नहीं है। अगर रेलवे प्रशासन की तरफ से यात्रियों का जिम्मा नहीं लिया जाएगा, तो रेलवे प्रांगण में कभी कोई घटना घटने में हम किसको जिम्मेदार ठहराएंगे, आरोपी को या रेलवे प्रशासन को, यह सोचने वाली बात है।
